एग्जाम की तैयारी के बीच दोस्ती और उनके शौक..!!
एग्जाम के वक़्त में जो साथ दे वो है दोस्त।
और एग्जाम के वक़्त पर जो दोस्त डिस्टर्ब करें वो दोस्त होकर भी बन जाये दुश्मन…!!
वैसे तो मुझे ये कहने का कोई हक़ नहीं है क्यूँकि मैं कभी किसी दोस्त के कुछ ख़ास काम नहीं आ पाया हूँ परन्तु इसका मतलब ये नहीं कि दोस्ती की एहमियत मुझे नहीं पता है…
मैंने ऐसे दोस्तों को भी करीब से देखा है जो मेरी हर प्रॉब्लम को खुद पे ले लिया करते है,
मैंने ऐसे भी दोस्त देखे है जो करीब होकर भी साथ नहीं रहा करते थे, उनकी अपनी हीं दुनिया रही है जैसे – महिला मित्र /प्रेमिका आदि।
मैं उन दोस्तों को भी करीब से देखा हूँ जो मेरे लिए हमेशा तत्पर रहा करते है, जो मुझे समझते है और मेरा सम्मान करते है.. मेरे लिए भी ऐसे दोस्त अतुलनीय और सराहनीय रहे है…!!
परन्तु….
आज एक किस्सा है जिस पर बात करना बहुत ज़रूरी समझता हूँ मैं…
कभी -कभी होता है ना कि… अब भाई अपुन को भी जिंदगी में कुछ बनना है, कुछ हासिल करना है.. अपने मम्मी -पापा को कुछ बनके दिखाना है.. ऐसी जरूरत महसूस होती है और हम एक निर्णय लेकर उस पर काम शुरू कर देते है। अपने सपनों को पूरा करने की होड़ में कहीं ना कहीं दोस्तों को पीछे छोड़ना जरुरी-सा हो जाता है.. और हम दोस्तों से थोड़ा ब्रेक चाहते है, कुछ दोस्त समझ जाते है और कुछ हँसी में टाल देते है… खैर…
इसे भी जाने देते है अभी के लिए… और सीधे मुद्दे पर आता हूँ… साल में ऐसा तो होता ही है कि सब दोस्तों का जन्मदिन आना तय है और कभी किसी दोस्त के घर कोई कार्यक्रम भी आ सकता है तब असमंजस्य पैदा होती है कि भाई… तुझे तो आना हीं पड़ेगा…तेरे बिना मज़ा नहीं आएगा… तेरे बिना पार्टी खाली-खाली लगेगी… बस! एक घंटे के लिए आ जाना फिर तुझे कोई परेशान नहीं करेगा… और जवाब अगर ” ना ” में दिया तो घर पहुंचने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता है… अब बंदा घर छोड़कर जाये भी तो कहाँ..जाना चाहे अगर..! कहाँ तक भागेंगे दोस्त से जो बचपन से आपको जानता है, सारे ठिकाने,अड्डे उसे पता है। अब वो घर आएंगे.. माने तो ठीक नहीं तो उठा के ले जायेंगे… भाई बस! आज के दिन की तो बात है!!
यहाँ बंदा फँस जाता है जो जाना हीं नहीं चाहता है और उसे ले जाया जा रहा है.. तो अब मैं सभी से एक सवाल पूछना चाहता हूँ कि… क्या वो बंदा वहां पार्टी या बर्थडे में ख़ुशी से एन्जॉय कर पायेगा या नहीं.. ज़ाहिर- सी बात है.. नहीं!
बंदा खुश है या नहीं इस बात से सामने दोस्तों को क्या लेना- देना
उन्हें तो बस! अपना एन्जॉयमेंट जरुरी है,
चलो.. इसे भी अभी के लिए जाने देते है, पर दोस्तों के साथ पार्टी का मतलब तो समझ आता है ना… वही… बीयर, दारु, सिगरेट, चिकन और केक शेक और ना जाने क्या -क्या..!!
जिसने कभी शराब को हाथ भी नहीं लगाया उसके साथ क्या होता है ये तो सभी जानते हीं है..
क्या.. नहीं जानते… कोई बात नहीं मैं बताता हूँ। पीने वाले शराबी दोस्त कहेगे भाई पीकर देख मज़ा आ जायेगा, एक पेग में होता हीं क्या है, तेरा अगले महीने में एग्जाम है आज पी ले तू एग्जाम फोड़ के आएगा…!
और जो बोलते है ना कि.. एक बार में होता ही क्या है। यही लोग अगली बार पूछेंगे कि पिछली बार किसने -किसने पी थी। बस! सिलसिला शुरू बर्बादी का.. मेरे दोस्त… सिलसिला शुरू…!!
इस बीच उस तैयारी करने वाले बन्दे के साथ क्या होता है ये उसके दोस्त सोच भी नहीं पाएंगे कि उसका कितना नुकसान किया है उन्होंने.. भाईसाहब! उस बन्दे का टाइम तो गया ही साथ में उसका रूटीन जो बना था वो भी गया और पार्टी वाले दिन का बैकलॉग उसे हफ्ते भर डिप्रेशन में रखता है… बैकलॉग कवर हुआ तो ठीक नहीं तो वो बढ़ता ही चला जाता है।
उसके आज के साथ आने वाला कल भी बर्बाद हो जाता है और दोस्त बोलते है… एक बार में होता ही क्या है…!!
और ऐसा दो -चार बार हो गया ना भाईसाहब! तो पूरा साल झंड हो जाता है..!!
मेरी रिक्वेस्ट है उन दोस्तों से जो ऐसे किसी शख्स की लाइफ को डिस्टर्ब कर रहे है.. जिसे वाक़ई खुद पर काम करने की जरुरत है या जिसे अकेले एकांत की जरुरत है तो प्लीज 🙏 उनसे बार-बार मिलकर उनकी लाइफ में डिस्टर्बन्स पैदा ना करें..!!
उसे अपनी लड़ाई खुद ही लड़ने की ज़रूरत है, उसे अकेला छोड़ दे और अपने कर्त्तव्य को पूरा करने में उसकी मदद करें…!!
वो जब अपनी लाइफ में अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगा तब शायद तुम्हे उसकी तरफ से पार्टी में पैसे मिलाने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी..!!
वो खुद तुम्हे शानदार पार्टी देने की काबिलियत रखेगा…!!
कृप्या.. जीओं और जीने दो…!!🙏🙏
❤️ Love Ravi ❤️