दोस्ती का कत्ल
इजहार ए इश्क कर तूने,
आज दोस्ती का कत्ल कर दिया
बेजुबा हो गया हूं मैं सुनकर..
पर , मेरी खामोशी का सैलाब ,
तेरे कानों में गूंजेगा जरूर पर सुनाई नहीं देगा….
मेरे जवाब की चाह, तुझे तड़पाएगी जरूर…
मगर जवाब नहीं मिलेगा….
उमेंद्र कुमार
इजहार ए इश्क कर तूने,
आज दोस्ती का कत्ल कर दिया
बेजुबा हो गया हूं मैं सुनकर..
पर , मेरी खामोशी का सैलाब ,
तेरे कानों में गूंजेगा जरूर पर सुनाई नहीं देगा….
मेरे जवाब की चाह, तुझे तड़पाएगी जरूर…
मगर जवाब नहीं मिलेगा….
उमेंद्र कुमार