दोष किसका
कांटे को देख
उसे फूल समझे
वह चुभ जाये तब भी
उसे फूल ही समझे
वह तन जख्मी कर दे
मन अपवित्र कर दे
आत्मा लहूलुहान कर दे
तब भी उस निष्ठुर को कोई
कोमल ही समझे तो
दोष किसका है
कांटे का या
उसे समझकर भी
न समझने वाले का।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001