दोगलों की दुनियां
दोगलों की दुनियां है दोगले लोग यहां
अंदर कुछ और बाहर कुछ लोग यहां
कहते हैं यहां इंसां के अंदर ओर इंसां
निभाने -रिस्ते जीते हैं कुछ लोग यहां।।
मधुप बैरागी
जिंदगी चंद लकीरों पर टिकी है
जिंदगी ये तकदीरों पर टिकी है
कौन-सा पल- कल बन जायेगा
जिंदगी चंद स्वांसों पर टिकी है।।
मधुप बैरागी