“देशद्रोह का अभियोग “
डॉ लक्ष्मण झा ‘परिमल ”
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हम मानते हैं
जहाँ हम जन्म
लेते हैं ,
जिसकीे छावों में
हमारी परवरिस
होती है ,
हम उसी मिट्टी के
कणों से
जुड़ें होते हैं !!
हमें गर्व होता है
अपने देश पर ,
हम एक ही परिवार
के सदस्य हैं !
विचारों में मतभेद
होता है ,
कई स्वर
असमानताओं को
उजागर करता है ,
कोई इसे दिल में
ही रखता है !!
हमें तो साथ लेकर
सबको चलना है,
सबके विकास
पर ध्यान देना है !!
सारी विसंगतियों को
दूर करना है ,
समानता का मंत्र,
बोलने की स्वतंत्रता और
समस्याओं को सुलझाना
ही हमारा धर्म होता है !!
खुद ही हम समदर्शी बनें ,
देश को परिवार समझें,
व्यर्थ के अभियोगों से
अशांत जनमानस रहेगा
इतिहास भी धूमिल पड़ेगा !!
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डॉ लक्ष्मण झा ‘परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका