देवदास के पारो
का कही सखी, हमार सजन छिन गइल
हम तो केहूके ना रही… बस सुन रहल
का कही, देवदास के पारो लगी हम
अब तो शरत जी के किरदार बन गइल
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का कही सखी, हमार सजन छिन गइल
हम तो केहूके ना रही… बस सुन रहल
का कही, देवदास के पारो लगी हम
अब तो शरत जी के किरदार बन गइल
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