देखो तुम्हारे प्यार ने जीना सिखा दिया
देखो तुम्हारे प्यार ने जीना सिखा दिया
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देखो तुम्हारे प्यार ने है जीना सिखा दिया,
नजरों को नजरों से मिलना सिखा दिया।
भटक रहा था पथ में बनकर कीट पतंगा,
तिन्के का दे सहारा संभलना सिखा दिया।
बेरुखी मे घूमते थे हम तो बनकर आवारा,
चाहत ने तेरी सजना संवरना सिखा दिया।
डर तो मन मे था किनारों पर न डूब जाएं,
सागर की लहरों संग बहना सिखा दिया।
भ्रमर की भांति भटकते रस की तलाश में,
फूलों की तरह हमें महकना सिखा दिया।
सीने मे है दफनाई सुंदर मनसीरत तस्वीर,
अनुराग तेरा पाने में मचलना सिखा दिया।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)