Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Sep 2022 · 1 min read

देखते सबकी हम ख़ूबियाँ इसलिए

देखते सबकी हम ख़ूबियाँ इसलिए
जान लें अपनी हम ख़ामियाँ इसलिए

हम तो मासूम से आम इंसान हैं
हमसे होती रहीं ग़लतियाँ इसलिए

याद में डूब जाना सुकूंबख़्श है
भा रहीं हैं ये तन्हाइयाँ इसलिए

गुफ़्तगू कर रही हैं नज़र से नज़र
हम को प्यारी हैं ख़ामोशियाँ इसलिए

प्यार के दीप बुझ ही न जाएँ कहीं
रोक नफ़रत की ये आँधियाँ इसलिए

हार कर भी कमी हौसलों में नहीं
जीतनी हैं अभी पारियाँ इसलिए

उम्र थी माँगनी चाँद से प्यार की
अर्चना को सजीं थालियाँ इसलिए

फूल खिलते रहें हर तरफ हर घड़ी
‘अर्चना’ बन रहीं क्यारियाँ इसलिए

डॉ अर्चना गुप्ता (52)

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 120 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
*मधु मालती*
*मधु मालती*
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
आंसू
आंसू
नूरफातिमा खातून नूरी
खाक पाकिस्तान!
खाक पाकिस्तान!
Saransh Singh 'Priyam'
"मन भी तो पंछी ठहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
"दस ढीठों ने ताक़त दे दी,
*Author प्रणय प्रभात*
*उसको पाना है यदि तो, मन वृंदावन करना होगा【भक्ति-गीतिका】*
*उसको पाना है यदि तो, मन वृंदावन करना होगा【भक्ति-गीतिका】*
Ravi Prakash
दुआ किसी को अगर देती है
दुआ किसी को अगर देती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
मैं हिन्दी हिंदुस्तान की
मैं हिन्दी हिंदुस्तान की
gurudeenverma198
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
🌹मां ममता की पोटली
🌹मां ममता की पोटली
Pt. Brajesh Kumar Nayak
నేటి ప్రపంచం
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
नशा
नशा
Mamta Rani
Yaade tumhari satane lagi h
Yaade tumhari satane lagi h
Kumar lalit
पुस्तक समीक्षा-प्रेम कलश
पुस्तक समीक्षा-प्रेम कलश
राकेश चौरसिया
"परखना सीख जाओगे "
Slok maurya "umang"
सफलता की जननी त्याग
सफलता की जननी त्याग
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अमृत महोत्सव
अमृत महोत्सव
Mukesh Jeevanand
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
Phool gufran
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सूनी बगिया हुई विरान ?
सूनी बगिया हुई विरान ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
काव्य में अलौकिकत्व
काव्य में अलौकिकत्व
कवि रमेशराज
*देश भक्ति देश प्रेम*
*देश भक्ति देश प्रेम*
Harminder Kaur
सुकून ए दिल का वह मंज़र नहीं होने देते। जिसकी ख्वाहिश है, मयस्सर नहीं होने देते।।
सुकून ए दिल का वह मंज़र नहीं होने देते। जिसकी ख्वाहिश है, मयस्सर नहीं होने देते।।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आप आज शासक हैं
आप आज शासक हैं
DrLakshman Jha Parimal
जिन्दगी कागज़ की कश्ती।
जिन्दगी कागज़ की कश्ती।
Taj Mohammad
अब किसी से
अब किसी से
Dr fauzia Naseem shad
अर्थपुराण
अर्थपुराण
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
Rituraj shivem verma
2927.*पूर्णिका*
2927.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आसमानों को छूने की जद में निकले
आसमानों को छूने की जद में निकले
कवि दीपक बवेजा
Loading...