– दूसरो के लिए बहुत जी चुके कभी खुद के लिए भी जीना चाहिए –
– दूसरो के लिए बहुत जी चुके कभी खुद के लिए भी जीना चाहिए –
दूसरो के लिए बहुत जी चुके कभी खुद के लिए भी जीना चाहिए,
कभी पिता बनकर बेटो के लिए जिए,
कभी बड़े भाई बनकर बहनों की खुशी के लिए जिए,
कभी अपने छोटे भाईयो की परवरिश के लिए जिए,
कभी अपने पोते – पोतियों , नाती
नातीयो के लिए जिए,
कभी अपने परिवार , अपने कुल के लिए जिए,
कभी अपने घर बार के लिए जिए,
मेहनत कर छोटे भाईयो को पढ़ाया,
उनको कुछ लायक है बनाया,
बेटो का ब्याव रचाया,
अब जब बुढ़ापा आया सबने साथ है छोड़ दिया ,
अपनो ने हाथ है छोड़ दिया,
इसलिए अब कहता है भरत तुमसे ,
गहलोत दूसरो के लिए बहुत जी चुके कभी खुद के लिए भी तो जीना चाहिए
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184-