दूभर लेना साँस( कुंडलिया )
दूभर लेना साँस( कुंडलिया )
“”””””””””””””””””””””””””””””””
छाई वायु जहर भरी , दूभर लेना साँस
हालत खस्ता हो रही ,रात- रात भर खाँस
रात- रात भर खाँस ,प्रदूषण इतना भारी
हाँफ रहा इंसान , हाँफते सब नर- नारी
कहते रवि कविराय , दुर्दशा ऐसी आई
घटती जाती आयु, मौत ज्यों सब पर छाई
“”””””””””‘”””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451