Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2017 · 1 min read

दुर्मिल सवैया :– भाग -10

हिय में अपने प्रभु नाम भजो ।
मनमोहन सोहन श्याम भजो ।

भज धन्य धरा मथुरा नगरी ।
प्रभु जन्म लिए हर धाम भजो ।

वशुदेव भजो भज देवकि को ।
हल धारक हैं बलराम भजो ।

सत सत्य स्वरूप सुहावन है ।
पुरुषोत्तम हैं प्रभु राम भजो ।

अनुज तिवारी “इंदवार “

Language: Hindi
598 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आलता-महावर
आलता-महावर
Pakhi Jain
बादल (बाल कविता)
बादल (बाल कविता)
Ravi Prakash
"चार पैरों वाला मेरा यार"
Lohit Tamta
💐प्रेम कौतुक-538💐
💐प्रेम कौतुक-538💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"नहीं देखने हैं"
Dr. Kishan tandon kranti
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
(6) सूने मंदिर के दीपक की लौ
(6) सूने मंदिर के दीपक की लौ
Kishore Nigam
मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फितरत,,,
फितरत,,,
Bindravn rai Saral
हिंदी
हिंदी
Bodhisatva kastooriya
बोलो क्या कहना है बोलो !!
बोलो क्या कहना है बोलो !!
Ramswaroop Dinkar
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr.Priya Soni Khare
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
Neeraj Agarwal
राम हमारी आस्था, राम अमिट विश्वास।
राम हमारी आस्था, राम अमिट विश्वास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जरुरी नहीं खोखले लफ्ज़ो से सच साबित हो
जरुरी नहीं खोखले लफ्ज़ो से सच साबित हो
'अशांत' शेखर
एक दिन जब वो अचानक सामने ही आ गए।
एक दिन जब वो अचानक सामने ही आ गए।
सत्य कुमार प्रेमी
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*चाँद को भी क़बूल है*
*चाँद को भी क़बूल है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रूकतापुर...
रूकतापुर...
Shashi Dhar Kumar
तुम ढाल हो मेरी
तुम ढाल हो मेरी
गुप्तरत्न
धर्म की खूंटी
धर्म की खूंटी
मनोज कर्ण
कोंपलें फिर फूटेंगी
कोंपलें फिर फूटेंगी
Saraswati Bajpai
*मन के मीत किधर है*
*मन के मीत किधर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरा स्वप्नलोक
मेरा स्वप्नलोक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
2767. *पूर्णिका*
2767. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रुपया-पैसा~
रुपया-पैसा~
दिनेश एल० "जैहिंद"
गुमनाम रहने दो मुझे।
गुमनाम रहने दो मुझे।
Satish Srijan
Loading...