दुनिया रंगमंच है *(विश्व रंगमंच दिवस 27 मार्च )
अपना अभिनय दिखा ।
कभी हंसा देते कभी देते रूला ।
पर्दे पर वे सब कुछ जता देते ।
जीवन की सच्चाईयो से हमे ।
रूबरू करवा जाते है ।
काम बुराई का न अच्छा परिणाम लाए ।
बता देते है क्या होता है उसका अंजाम ।
ये दुनिया ही लगती हमे रंगमंच है ।
इंसान ही सबसे बङा इसका खम्भ है ।
पशु भी अपनी बेताबियो को दर्शा ही देते ।
भले ही वे बेजुबान और सौम्य है ।
आप सभी को रंगमंच दिवस की ।
हार्दिक शुभकामनाये।
विविध रंगो का संयोजन लिए करते वे नमन है ।
मनोरंजन का तो वे करते सृजन है ।
अपने गलतियो पर सभी करते चिंतन मनन है ।
ये सब रंगमंच का ही दिया हुआ समन है ।
Rj Anand Prajapati