दुखियारी अम्मा
हर जगह दिखती है अम्मा,
यात्रा में जाते वक्त,
हर रास्ते में मिलती है अम्मा,
रोती-बिलखती भीख माँगती हुई अम्मा,
भूखी-प्यासी हाथ फैलाती हुई अम्मा,
बाबू-बेटों के समक्ष गिड़गिड़ाती हुई अम्मा,
दो-दो रुपयों को पूछती है अम्मा,
पेट पालने को रोती है अम्मा,
अंँधेरे में कचरा बिनती है अम्मा,
कूड़े के ढेर में खाना खोजती हैअम्मा,
शहरों और सड़क में पड़ी हुई है अम्मा ,
पटरियों में भीख मांँगती है अम्मा,
धूप में दौड़ती आंँसू बहाती है अम्मा,
घर परिवार को तरसती है अम्मा,
डंडे के सहारे चलती है अम्मा,
फटे-पुराने पहनी हुई है अम्मा,
अंधी है अम्मा; बहरी है अम्मा,
जर्जर शरीर के लिए कहांँ ठहरी है अम्मा,
देखो-देखो ये मर गई है अम्मा,
पड़ी हुई है लाश, सड़ गयी है अम्मा,
आओ अब खोजो अपनी ये अम्मा ।
***बुद्ध प्रकाश ;
***मौदहा।