दुखवा हजारो
दुखवा हजारो
■■■■■■■■■■■■■
एके गो जीनिगिया हे राम
दुखवा सहेला हजारो
नाहीं मिले तनिको आराम
दुखवा सहेला हजारो
जबसे जनम होला दुखवा सतावे
देखे एगो सुखवा त काटे बदे धावे
एगो नाहीं बीपत तमाम-
दुखवा सहेला हजारो
नाहीं…………..दुखवा…………
एगो साथ छोड़े एगो आ के पजिआवे
फाटि जा करेजा दिन अइसन देखावे
किस्मत प कइसन लगाम-
दुखवा सहेला हजारो
नाहीं…………..दुखवा…………
दुनिया में केकर नइखे दुखवा से नाता
अइलें जनम लिहलें रोवलें विधाता
मनई सुनर भगिया खाम-
दुखवा सहेला हजारो
नाहीं…………..दुखवा…………
एके गो………..दुखवा…………
– आकाश महेशपुरी