दीपावली का उत्सव
दीपों का यह ललाम सी त्योहार
घर – घर जलाते जिन में दीये सब
बच्चे पटाखे, फुरझड़िया छोड़ते
और नाचगाकर सब उत्सव मनाते ।
इस दिवाली कुछ गरीबों को भी
खुशी से हम दिवाली मनाने दे…
ताकि हमारे साथ साथ गरीब भी
खुशी से यह दिवाली मना सके ।
यह दीपों का त्योहार निराला
होता भरा पुरा खुशियों से यह
यह रम्य त्योहार, अंतःकोप पर
ज्योति की विजय का है प्रतीक
क्यों न हमसब इस दिवाली
कुछ घरों को करें प्रकाशमान
जो घर कई वर्षों से है अंधेर
मायुस बच्चों को जगमगाए ।
इस दिवाली हम स्वदेशी अपनाकर
चैनिज वस्तुओं का कर बहिष्कार
करोड़ों अरबों की बजट बचा सकते
विदेशो जाने से, इस लक्ष्मी को हमसब ।
हम इस दिवाली को मनाएंगे दीपों से
ताकि हमारा पर्यावरण रहे हिफाजत
इससे बरसाती कीटों का होगा आघात
जिन से हम और आप रह पाएंगे शुभ्र ।
लेखक :- अमरेश कुमार वर्मा