दीपपर्व की सीख
दीपावली आती हैं ,
लाती है संदेश।
साफ सफाई करने से,
स्वच्छ होगा सारा देश।
जो भी हो धार्मिक व सांस्कृतिक,
मान्यता त्योहार की।
पर स्वच्छता से जुड़ी सीख,
नहीं किसी जात संप्रदाय की।
शायद ही किसी अन्य जगह,
इस तरह का त्योहार हो।
पूरे देश में एक साथ सफाई,
ज़्यों स्वच्छता अभियान हो।
दीप श्रृंखला की ज्योति भी,
निरर्थक अपव्यय नहीं है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए,
यज्ञ आहुति से कम नहीं है।
जश्न रूप में मनाने का प्रचलन,
नया नहीं सनातन है।
शंख घंटा धडियाल ध्वनि,
मौसमी वायरस नाश्क है।
आतिशबाजी का भी उल्लेख,
प्राचीन ग्रंथों में मिलता है।
पर शायद इसका एकपक्षीय,
ज्ञान विज्ञान हम जान सके।
क्षमता तथा उपयोगिता की,
सही समझ न परख सके।
खैर जब तक लाभ का पता नहीं,
आतिशबाजी से बचना है।
सर्वसमर्थ रहे स्वस्थ् रहे,
दीपपर्व की शुभकामना है।
राजेश कौरव सुमित्र