दिशा निर्देश
जब मैं मर
जाऊँ
तो
कोई
मातमपुर्सी
नहीं करना।
कोई अर्थी नहीं सजाना।
कोई भी आसूँ मत बहाना ।
रोनी सूरत बिल्कुल न बनना ।
मेरे
परिवार,हितैषियों और सभी रिशतेदारों को
भी यही बातें समझाना।
क्योंकि
मैं ज़िंदा था, हूँ और रहूँगा
ये बताने के लिए
मेरी लाश
को घसीटकर शमशान
तक ले जाना
फ़िर क्या है करना
बेकार
है बताना ।
-अजय प्रसाद