दिल मे कौन रहता है..?
अब वो आँखे भी बेसबब सी होने लगी
जब देखे पूछे तुमसे वहां कौन रहता है।
जो पहले पागलो की तरह चाहती हमे
क्यू वो दिल आज इतना मौन रहता है।
यूं बेरुखी भरे अंदाज से बाते होने लगी
तो पूछ बैठा ख़ुद से वहा कौन रहता है।
जवाब आया पर ये दिल रोने लगा था
कहती तुम्हें नही पता वहा कौन रहता है।
©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)