दिल मिरा भी तो ग़मगुसार नहीं
दिल मिरा भी तो ग़मगुसार नहीं
क्या हुआ तू जो बेक़रार नहीं
क्यों ख़ुशी या मलाल हो दिल को
कोई शय भी तो उस्तवार नहीं
हिज़्र की मार में कहाँ राहत
कोई मौसम भी खुशगवार नहीं
जाने कमबख़्त कब कहाँ टूटें
इन सितारों का ऐतबार नहीं
साँस टूटी तो क्या हुआ यारो!
मौत आती है बार-बार नहीं