दिल किसी से अगर लगायेगा
टूट जाएगा काँच की मानिंद ।
दिल किसी से अगर लगायेगा ।।
हाय ये दूरियाँ हैं दिल वाली ।
फासले किस तरह मिटायेगा ।।
भेस बदला है रूप बदला है ।
उस को पहचान तू न पायेगा ।।
लाख क़ाबिल है तू इल्मो फन में ।
चापलूसों से मात खायेगा ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद