दिल करता है कि मैं इक गज़ल बन जाऊं और तुम मुझे गुनगुनाओ,
दिल करता है कि मैं इक गज़ल बन जाऊं और तुम मुझे गुनगुनाओ,
गीत बस कोई तुम मेरे लिए ही गाओ।
दिल करता है कि तुम बादल बनकर, मेरे मन की प्यासी धरती पर प्यार का सावन बरसाओ।
दिल करता है कि तुम सूरज बनकर,
मेरे अंधेरे जीवन में रौशनी बिखराओ।
दिल करता है कि तुम चांद बनकर,
मेरे घर तारों की बारात ले आओ।
दिल करता है कि तुम निंदिया बनकर,
मेरी आंखों में समा जाओ।
दिल करता है कि मैं लेटी रहूं तुम्हारी गोद में सर रखकर,
तुम मेरी उलझी जुल्फें सुलझाओ।