दिन मूंद गया
दिन मूंद गया
मैं आंख खोले
अब भी खड़ी हूं
अपनी गली के
घर के दरवाजे पर
सांझ ढलते ही
न जाने मुझे
किसका इंतजार होता है
सूरज के डूबने के साथ साथ
मुझे न जाने इसके संग संग
नींद क्यों नहीं आती।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001