Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2017 · 1 min read

दहेज़ की अग्नि में स्वाह….

हीना का रंग अभी तक हाथो पर जवां था….
माथे पर बिखरा सिन्दूर हर लम्हे का गवाह था….
सिलवटे बिस्तर पर अभी भी ले रही थी करवटे…
कमरे की खामोशियाँ कर रही थी आहटे…
दरो-दीवारों का सूनापन उसकी सिसकियो का गवाह था….
हीना का रंग अभी तक हाथो पर जवां था….
मां की भीगी आंखे, कर रही थी बयां…
ममता के जज्बात को, सिमटी हुई थी ज़िन्दगी जिसमे,
हर उस बात को….
पिता की कांपती उंगलिया, दिल में दे रही थी दस्तके…
तय करवाए थे जिनसे न जाने कितने ही रास्ते…
नन्हे कदमो के गवाह, रो रहे थे हर वो रास्ते…
भाई की कलाई पे बंधा था धागा,
चुरा रहा था वो नजरे जिस से….
आँखों से बहता हर आंसू उसकी लाचारी का गवाह था…
हीना का रंग अभी तक हाथो पर जवां था….
दरो-दीवारों का सूनापन उसकी सिसकियो का गवाह था….
हीना का रंग अभी तक हाथो पर जवां था….

Language: Hindi
462 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्रेम में कुछ भी असम्भव नहीं। बल्कि सबसे असम्भव तरीक़े से जि
प्रेम में कुछ भी असम्भव नहीं। बल्कि सबसे असम्भव तरीक़े से जि
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
International Chess Day
International Chess Day
Tushar Jagawat
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
Rj Anand Prajapati
गीत- जिसे ख़ुद से हुआ हो प्रेम...
गीत- जिसे ख़ुद से हुआ हो प्रेम...
आर.एस. 'प्रीतम'
एक पल हॅंसता हुआ आता है
एक पल हॅंसता हुआ आता है
Ajit Kumar "Karn"
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
Don’t ever forget that you can:
Don’t ever forget that you can:
पूर्वार्थ
शहर - दीपक नीलपदम्
शहर - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
gurudeenverma198
अक़ीदत से भरे इबादत के 30 दिनों के बाद मिले मसर्रत भरे मुक़द्द
अक़ीदत से भरे इबादत के 30 दिनों के बाद मिले मसर्रत भरे मुक़द्द
*प्रणय*
*खुशी मनाती आज अयोध्या, रामलला के आने की (हिंदी गजल)*
*खुशी मनाती आज अयोध्या, रामलला के आने की (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
अवधपुरी है आस लगाए
अवधपुरी है आस लगाए
Madhuri mahakash
ग़ज़ल _ आइना न समझेगा , जिन्दगी की उलझन को !
ग़ज़ल _ आइना न समझेगा , जिन्दगी की उलझन को !
Neelofar Khan
एक अधूरे सफ़र के
एक अधूरे सफ़र के
हिमांशु Kulshrestha
🥀*✍अज्ञानी की*🥀
🥀*✍अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
Arghyadeep Chakraborty
नाख़ूनों पर
नाख़ूनों पर
Akash Agam
हरदा अग्नि कांड
हरदा अग्नि कांड
GOVIND UIKEY
सरसी छंद
सरसी छंद
seema sharma
नदी तट पर मैं आवारा....!
नदी तट पर मैं आवारा....!
VEDANTA PATEL
मेरे लफ़्ज़ों में जो खुद को तलाश लेता है।
मेरे लफ़्ज़ों में जो खुद को तलाश लेता है।
Manoj Mahato
मनमर्जी की जिंदगी,
मनमर्जी की जिंदगी,
sushil sarna
25- 🌸-तलाश 🌸
25- 🌸-तलाश 🌸
Mahima shukla
माँ स्कंदमाता की कृपा,
माँ स्कंदमाता की कृपा,
Neelam Sharma
मैंने मोहब्बत को बड़ी ही शिद्दत से निभाया
मैंने मोहब्बत को बड़ी ही शिद्दत से निभाया
Jyoti Roshni
ख्वाब
ख्वाब
Dinesh Kumar Gangwar
योग दिवस
योग दिवस
Rambali Mishra
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
sushil yadav
"बेहतर"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...