Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2024 · 1 min read

दस्तक :

दस्तक :

वक़्त बुरा हो तो
तो पैमानें भी मुकर जाते हैं
मय हलक से न उतरे तो
सैंकड़ों गम
उभर आते हैं
फ़िज़ूल है
होश का फ़लसफ़ा
समझाना हमको
उनके दिए ज़ख्म ही
हमें यहां तक ले आते हैं
वो क्या जानें
कितने बेरहम होते हैं
यादों के खंज़र
हर नफ़स उल्फ़त की
ज़ख़्मी कर जाते हैं
तिश्नगी बढ़ती गई
उनको भुलाने के आरज़ू में
क्या करें
इन बेवफ़ा क़दमों का
लाख रोका
फिर भी
ये
उनके दर तक ले जाते हैं
उनकी दहलीज़ पर
अपनी उल्फ़त की
दस्तक
छोड़ आते हैं

सुशील सरना

31 Views

You may also like these posts

आत्मस्वरुप
आत्मस्वरुप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
यादें अपनी बेच कर,चला गया फिर वक्त
यादें अपनी बेच कर,चला गया फिर वक्त
RAMESH SHARMA
जग गाएगा गीत
जग गाएगा गीत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मुकेश हुए सम्मानित
मुकेश हुए सम्मानित
Mukesh Kumar Rishi Verma
कहानी ....
कहानी ....
sushil sarna
रंग
रंग
आशा शैली
राष्ट्र शांति
राष्ट्र शांति
Rambali Mishra
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
Ranjeet kumar patre
खेल था नसीब का,
खेल था नसीब का,
लक्ष्मी सिंह
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
संवेदना
संवेदना
Khajan Singh Nain
"आपकी अदालत"
Dr. Kishan tandon kranti
KAMAAL HAI YE HUSN KI TAKAT
KAMAAL HAI YE HUSN KI TAKAT
Sarv Manglam Information technology
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
हिमांशु Kulshrestha
कोई भी व्यक्ति जिस भाषा,समुदाय और लोगो के बीच रहता है उसका उ
कोई भी व्यक्ति जिस भाषा,समुदाय और लोगो के बीच रहता है उसका उ
Rj Anand Prajapati
ख़ुद रंग सा है यूं मिजाज़ मेरा,
ख़ुद रंग सा है यूं मिजाज़ मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
17. बेखबर
17. बेखबर
Rajeev Dutta
--> पुण्य भूमि भारत <--
--> पुण्य भूमि भारत <--
Ankit Halke jha
जीवन का सत्य
जीवन का सत्य
Veneeta Narula
एहसास
एहसास
Kanchan Khanna
3568.💐 *पूर्णिका* 💐
3568.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
लम्बे सफ़र पर चलते-चलते ना जाने...
लम्बे सफ़र पर चलते-चलते ना जाने...
Ajit Kumar "Karn"
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी
Sunil Suman
सांत्वना
सांत्वना
भरत कुमार सोलंकी
गरिमा
गरिमा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
जला दो दीपक कर दो रौशनी
जला दो दीपक कर दो रौशनी
Sandeep Kumar
परिणाम से डरो नहीं
परिणाम से डरो नहीं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
Anis Shah
चलो कुछ नया करते हैं
चलो कुछ नया करते हैं
AMRESH KUMAR VERMA
Loading...