दशहरा और रावण:टिप्पणी
जय लंकेश ।
नमन
अब कितने विरोधी है जो कहते है की रावण पूजनीय नही है और उनकी पूजा नही होती।
तो उन लोगो की यही बताना है कि लंका की बात रहने दो
अपने भारत मे बताओ कितने लंकापति के मंदिर दिखा दे
ओर हा हमारे आराध्य देव श्री राम भी है हम किसी को ठेस नही पहुचाने आये।
जय श्री परशुराम
जय श्री राम
जय श्री लंकेश??????
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1 मंदसौर – मध्यप्रदेश के मंदसौर में रावण को पूजा जाता है।
2 उज्जैन – मप्र के उज्जैन जिले के एक गांव में भी रावण का दहन नहीं किया जाता, बल्कि उसकी पूजा की जाती है।
3 अमरावती – महाराष्ट्र के अमरावती में भी रावण को भगवान की तरह पूजा जाता है।
4 बिसरख – यूपी के बिसरख नामक गांव में भी रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां उसका पूजन होता है। ऐसा माना जाता है कि बिसरख गांव, रावण का ननिहल था। बिसरख का नाम पहले विश्वेशरा था जो रावण के पिता के नाम पर पड़ा था।।
5 बैजनाथ – हिमाचल प्रदेश में स्थित कांगड़ा जिले का यह कस्बा भी रावण की पूजा के लिए जाना जाता है। यहां के बारे में कहा जाता है, कि रावण ने यहां पर भगवान शिव की तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे मोक्ष का वरदान दिया था। इसलिए शिव के इस भक्त का इस स्थान पर पुतला नहीं जलाया जाता।
6 आंध्रप्रदेश – आंध्रप्रदेश के काकिनाड नामक स्थान पर भी रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां भगवान शिव के साथ उसकी भी पूजा की जाती है। यहां पर विशेष रूप से मछुआरा समुदाय रावण का पूजन अर्चन करता है। यहां के लेकर उनकी कुछ और भी मान्यताएं हैं।
7 जोधपुर – राजस्थन के जोधपुर में भी रावण का मंदिर और उसकी प्रतिमा स्थापित है। ब्राह्मण समाज के लोग यहां पर रावण का पूजन करते हैं और खुद को रावण का वंशज मानते हैं। इस स्थान को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। कुछ लोग इसे रावण का ससुराल बताते हैं।
8 कनार्टक – कर्नाटक के मंडया जिले के मालवल्ली तालुका नामक स्थान पर रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां लोग उसे पूजते हैं। इसके अलावा कर्नाटक के कोलार में भी लोग शिवभक्त के रूप में रावण की पूजा करते हैं।
9 दक्षिण भारत में रावण को विशेष रूप से पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है, कि रावण परम ज्ञानी, पंडित, शिवभक्त था। दक्षिण भारत के कुछ स्थानों पर रावण के इन्हीं गुणों के कारण वह पूजा जाता है। वे रावण दहन को दुर्गुणों का दहन मानते हैं।
10 उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर में दशहरे पर रावण की आरती उतार कर पूजा की जाती है।
11 चित्रकूट, कानपुर, सीतापुर,मथुरा के कुछ हिस्सों में पूजा होती ।???
12 दशहरा के संदर्भ में
दशग्रीव (रावण) का वध चैत्र कृष्णपक्ष चतुर्दशी को हुआ था, इसीलिये,
दशहरा का ना रावण से कोई लेना देना है ना राम जी से,
शक्ति का पर्व है ये, नारी शक्ति का पर्व
मां दुर्गा,
नाम से ही अहसास हो जाता है, शक्ति, विजेता, असुरों का नाश करने वाली मां दुर्गा.
9 दिन के युद्ध के बाद महिषासुर का वध,
दसवें दिन विजय का पर्व
“विजय दशमी”
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जय माता दी। जय माता दी। जय माता दी। जय माता दी।