Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2024 · 1 min read

दर्पण

दर्पण में प्रतिबिंब में मैं, नैनो के दर्पण में हो तुम।
प्रतिंबिब निहारे तेरा मुझको, तुझको निहारूं मैं।

मन को बना कर दर्पण मैंने, तेरी सूरत ही देखी।
तेरे नैनो की ज्योति ने मुझको बनाया उसमे मोती।

एक दर्पण दूजे को निहारे, दर्पण में दर्पण के इशारे।
ऐसी दुविधा में मुझे डाला, कैसे कोई श्रृंगार संवारे।

भेद न कोई भी छुपाया,मन दर्पण इसने दिखलाया ।
एक प्रतिबिंब दूजा दिखलाए,दर्पण को दर्पण उलझाए ।

बडी अनोखी प्रीत की भाषा, नैनो को दर्पण समझाए।
देख के नैनों के दर्पण में, दर्पण पर है दर्पण इतराए।

स्वरचित एवं मौलिक
कंचन वर्मा
शाहजहांपुर
उत्तर प्रदेश

1 Like · 164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
4809.*पूर्णिका*
4809.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नवरात्र में अम्बे मां
नवरात्र में अम्बे मां
Anamika Tiwari 'annpurna '
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
Anil chobisa
एक लड़की एक लड़के से कहती है की अगर मेरी शादी हो जायेगी तो त
एक लड़की एक लड़के से कहती है की अगर मेरी शादी हो जायेगी तो त
Rituraj shivem verma
जनता  जाने  झूठ  है, नेता  की  हर बात ।
जनता जाने झूठ है, नेता की हर बात ।
sushil sarna
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
Ranjeet kumar patre
होठों की हँसी देख ली,
होठों की हँसी देख ली,
TAMANNA BILASPURI
सरकार अपराध पर तो नियंत्रण रख सकती है पर किसी के मन पर नहीं
सरकार अपराध पर तो नियंत्रण रख सकती है पर किसी के मन पर नहीं
Rj Anand Prajapati
जब तक जेब में पैसो की गर्मी थी
जब तक जेब में पैसो की गर्मी थी
Sonit Parjapati
A Dream In The Oceanfront
A Dream In The Oceanfront
Natasha Stephen
तू कर ले चाहे अपने चेहरे पे परदा
तू कर ले चाहे अपने चेहरे पे परदा
gurudeenverma198
"विस्तार"
Dr. Kishan tandon kranti
भीड़ में रहते है मगर
भीड़ में रहते है मगर
Chitra Bisht
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
VINOD CHAUHAN
World Hypertension Day
World Hypertension Day
Tushar Jagawat
जिंदगी को रोशन करने के लिए
जिंदगी को रोशन करने के लिए
Ragini Kumari
पेड़ और चिरैया
पेड़ और चिरैया
Saraswati Bajpai
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
व्यर्थ है कल्पना
व्यर्थ है कल्पना
manjula chauhan
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
ग़ज़ल _ ज़िंदगी भर सभी से अदावत रही ।
ग़ज़ल _ ज़िंदगी भर सभी से अदावत रही ।
Neelofar Khan
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कभी कभी हमारे पास
कभी कभी हमारे पास
हिमांशु Kulshrestha
पिछले पन्ने 9
पिछले पन्ने 9
Paras Nath Jha
आदमी का वजन
आदमी का वजन
पूर्वार्थ
किसी के वास्ते इसे
किसी के वास्ते इसे
Dr fauzia Naseem shad
पता नहीं ये बस्ती जाने किस दुनिया से आई है।
पता नहीं ये बस्ती जाने किस दुनिया से आई है।
*प्रणय*
आंखों की नशीली बोलियां
आंखों की नशीली बोलियां
Surinder blackpen
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Loading...