दर्द
दर्द दिल का किसी ने ना समझा
बिखर गये यूहि जिन्दगी बनाते बनाते
राहो मे चलते चलते अनदेखे रास्तों पर
सोचा था कि अब मंजिल पास ह
पर कही दूर निकल गये दर्द समेटे दामन में
Neelam tomar
दर्द दिल का किसी ने ना समझा
बिखर गये यूहि जिन्दगी बनाते बनाते
राहो मे चलते चलते अनदेखे रास्तों पर
सोचा था कि अब मंजिल पास ह
पर कही दूर निकल गये दर्द समेटे दामन में
Neelam tomar