दर्द तो होगा ही …।
रोको न बहने दो,
आंँसू है ठहरेंगे नहीं ,
दुःख है गुजरेगा यूंँ ही,
कष्ट कैसा भी हो,
दर्द तो होगा ही ।…..(१)
आंँसू का बस नाम ही है,
झलकना तो काम है,
थम-थम के निकालना,
गहरा जख्म निशान है,
दर्द तो होगा ही ।……..(२)
आंँसू की तेज धारा,
पल भर में बहते सारा,
दुःखी ह्रदय ने पुकारा,
चोट का गहरा प्रभाव है ,
दर्द तो होगा ही ।……..(३)
मोती-सी बूंँदें गिरती ,
बिखरती जहांँ पड़ती ,
सूखी धारा के निशान ,
कराते बीते पलों की पहचान ,
दर्द तो होगा ही ।…….(४)
आंँसू तो होते अनमोल ,
यूंँ ही न बहाते हैं लोग ,
विरह वेदना या मोह बंधन हो ,
टूटने पर तो निकलेंगे ही,
दर्द तो होगा ही ।……….(५)
##रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश ,मौदहा हमीरपुर ।