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30 Jul 2024 · 1 min read

दरारों में ….

दरारों में ….

मैं
कब से तुम्हारे
अहम् की प्राचीर के
बाहर खड़ा रहा
तुम्हारी प्रतीक्षा में
और तुम
अपने अहम् की प्राचीर के
समस्त द्वार बंद कर
ढूंढती रही
मुझे
काल की दीवारों में बनी
स्मृतियों की दरारों में

सुशील सरना

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