== थोड़ी ठंड रखिए ==
दिल भी सही रखिए, दिमाग सही रखिए।
दिल में उठने वाले, खयालात सही रखिए।
उस जगह जहाँ पर न समझे कोई आपको,
वहां चुप रह कर हालात सही रखिए।
जहाँ आप से बड़े हों या आपसे हों ज्ञानी,
उस जगह पर अपनी आवाज सही रखिए।
जहाँ आप को कोई समझने वाला हो,
सिर्फ उस जगह पर अपनी बात सही रखिए।
छोटों से अगर आप चाहते हैं इज्जत,
तो अपने बडों को सम्मान से ही रखिए।
यदि जिन्दगी में कुछ चाहते हैं बेहतर।
तो अच्छे कल को पाने की कोशिश में,
सत्कर्मों की राह पर ही पांव अपने रखिए।
– – रंजना माथुर दिनांक 10/12/2016
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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