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19 Mar 2022 · 1 min read

थकावट गायब

थकावट गायब

नितूगेै
थक जावै है
काळजै अर माथै
सहर रै वाहनां री
पों-पों सुण’र
सागैवाळा री
चिक-चिक सुण’र
हाकमां री बक-बक सुण’र
घरां पूग्या
धुरु मौड़ै माथै बैठी
चिड़कल्याँ री चीं-चीं
कर देवै है
म्हारी सगळी थकावट
नैं गायब

मूल हिन्दी रचना :- विनोद सिल्ला (टोहाना) हरियाणा
राजस्थानी अनुवाद :- क़ासिम बीकानेरी (बीकानेर) राजस्थान
मोबाइल नंबर 8561814522

Language: Rajasthani
Tag: Poem
2 Likes · 412 Views
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