त्रिरंगा
बहुत धुम मची है
आज बाजारों में
त्रिरंगे वीक रही है
ऊँची कीमत पे ,
शायद देश तरक्की की
ऊंचाइयां छु रही है ,
तभी तो इतनी ऊंची
कीमत पर आज हमारा
प्यारा त्रिरंगा वीक रहा है,
गलियों से चौराहे तक
फुटपाथों से महलों तक
बस आज का दिन है
त्रिरंगा फहराने की,
कल से फिर वही
घिसी-पिटी जिंदगी
जहाँ स्वार्थ के सिवा
और कुछ भी नहीं,
पड़ी रहेगी त्रिरंगा
सिर्फ एक कपड़ा बनकर
तब उसकी कीमत
कुछ भी रहेगी नहीं ।