त्राहि-त्राहि
==त्राहि-त्राहि==
हे इन्द्र देवता कृपा करो,
इतना कहर न बरपा करो।
कहीं फट रहे हैं बादल,
कहीं बाढ़ कर रही है पागल।
रंगीले राजस्थान हो या,
दिल्ली की हो आबादी।
असम गुजरात बिहार यूपी,
सारी तरफ फैली है बर्बादी।
चहुंओर है बदहवासी,
क्या गांव और क्या नगरवासी।
सावन को रहने दो मनभावना,
न बनाओ इसको इतना डरावना।
जन धन सुखी व सुरक्षित रहे
है यही हार्दिक शुभकामना।
—-रंजना माथुर दिनांक 20/07 /2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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