– तेरे मेरे दरमियान ऐसा है फासला –
– तेरे मेरे दरमियान ऐसा है फासला –
जैसे धरती से गगन का,
अग्नि से अनल का,
नफरत से मोहब्बत का,
प्यार से इजहार का,
लेखनी से शैली का,
कवि से कविता का,
परंपरा से पाश्चात्य का,
संस्कार से संस्कृति का,
नीव से निर्माण का,
सृजन से विध्वंस का,
तेरे मेरे दरमियान भरत,
गहलोत ऐसा ही है फासला,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान