तेरे बांहो में सोने का मन
दिन भर थककर।
तेरी बांहो में ।
सोने का मन ।
तू ही तो है ।
मेरे दिल का सजन ।
दिल का सजन ।
दिन भर थककर ।
तेरी बांहो में ।
सोने का मन ।
छत पर निकले हुए ।
सितारो भरी रात ।
देखकर तेरे हुस्न को।
लगता है ऐसे ।
जैसे शर्मा रहा हो चांद ।
है भीगा -भीगा सा ।
तेरा होठ लाल ।
मदहोश से हुए ।
हैं लगते तेरे अंदाज ।
आ करीब आ ।
तेरे पी ले हम जाम ।
है चमकता तेरा ।
चाँदनी -सा बदन ।
दिन भर थककर ।
तेरी बांहो में ।
सोने का मन ।
तू ही तो है ।
मेरे दिल का सजन ।
दिल का सजन ।
रात भर जागकर —-
पायल है बजती तेरी जब ।
सेज पर लेटे हुए ।
तू कैसे हैं इतना ।
शर्म को अपने अंदर समेटे हुए ।
अब तो होता है नही ।
बर्दाश्त पड़े -पड़े ।
जान ले लोगी क्या तुम ।
ऐसे मुस्कुरा कर ।
कजरारी कटीले नैनो से।
अपने जादू चलाकर ।
तू कैसे हैं इतनी खूबसूरत ।
ऋतुओ में बनकर ।
बसंत बहार ।
दिन भर थककर ।
तेरी बांहो में सोने का मन ।
तू ही तो है ।
मेरे दिल का सजन ।
दिल का सजन ।
दिन भर थककर ——-???
❤❤❤❤❤?????❤❤❤