तेरे नाम मैंने
तेरे नाम मैंने ह्रदय की
अभिव्यक्ति लिखी है
या कहूँ फिर मैंने
एक कविता लिखी है
सहमी-सहमी सी
ह्रदय की
व्याकुलता लिखी है
समर्पण है जिसमें
विचारों का मेरे
अर्पण है जिसमें
स्पन्नो का मेरे
दर्पण है जिसमें
भावों का मेरे तेरे
नाम मैंने ह्रदय की
अभिव्यक्ति लिखी है.——–
डाॅ फौज़िया नसीम शाद