Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jul 2022 · 1 min read

तेरे खेल न्यारे

डा . अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक – अरुण अतृप्त

* तेरे खेल न्यारे *
हादसा था नज़र तुझसे मिलाना।
तुख़म था नज़रे मिला कर डूब जाना।
बेकसी के तालाब में गोते लगाना।
जिस्म के बनावटी इत्र का मुरदीद होकर।
ग़ज़ल अपनी तुझको सुनाना।
हादसा था नज़र तुझसे मिलाना।
तुख़म था नज़रे मिला कर डूब जाना।
आशना बन कर इशक का क्या मिला।
जुल्म जेरो ज़बर का हमने सहा।
फितन्न गर से बुर्जियों का खेल देखा।
जर्रे जर्रे पर खुदाया बे – मेल देखा।
हादसा था नज़र तुझसे मिलाना।
तुख़म था नज़रे मिला कर डूब जाना।
तीर पर बैठा रहा साथ जब तलक तेरे रहा ।
एक पल का चैन भी तो, या-खुदा
मुझको न आया, घर को खोया, नींद खोई ।
याद हो गर तो वो मुझको दिला
जो रात मैंने, हो सुख की सोई |
हादसा था नज़र तुझसे मिलाना ।
तुख़म था नज़रे मिला कर डूब जाना ।
जिस्म के बनावटी इत्र का मुरदीद होकर ।
ग़ज़ल अपनी तुझको सुनाना ।

299 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
काश कभी ऐसा हो पाता
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
वो ही प्रगति करता है
वो ही प्रगति करता है
gurudeenverma198
"चांद पे तिरंगा"
राकेश चौरसिया
#आदरांजलि
#आदरांजलि
*Author प्रणय प्रभात*
*शुभकामनाऍं*
*शुभकामनाऍं*
Ravi Prakash
कट रही हैं दिन तेरे बिन
कट रही हैं दिन तेरे बिन
Shakil Alam
When the ways of this world are, but
When the ways of this world are, but
Dhriti Mishra
राम
राम
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
The_dk_poetry
चाय की चुस्की संग
चाय की चुस्की संग
Surinder blackpen
सपनो का शहर इलाहाबाद /लवकुश यादव
सपनो का शहर इलाहाबाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
रूठना मनाना
रूठना मनाना
Aman Kumar Holy
दुर्जन ही होंगे जो देंगे दुर्जन का साथ ,
दुर्जन ही होंगे जो देंगे दुर्जन का साथ ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
Anand Kumar
सर्वंश दानी
सर्वंश दानी
Satish Srijan
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
Suryakant Dwivedi
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
Suraj kushwaha
21-हिंदी दोहा दिवस , विषय-  उँगली   / अँगुली
21-हिंदी दोहा दिवस , विषय- उँगली / अँगुली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2572.पूर्णिका
2572.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
“फेसबूक का व्यक्तित्व”
“फेसबूक का व्यक्तित्व”
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
Rekha khichi
Even If I Ever Died
Even If I Ever Died
Manisha Manjari
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जनतंत्र
जनतंत्र
अखिलेश 'अखिल'
☀️ओज़☀️
☀️ओज़☀️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
डोमिन ।
डोमिन ।
Acharya Rama Nand Mandal
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
लौट आओ ना
लौट आओ ना
VINOD CHAUHAN
बर्दाश्त की हद
बर्दाश्त की हद
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...