तेरे अल्फ़ाज़ों में वो सच्चाई नहीं,
तेरे अल्फ़ाज़ों में वो सच्चाई नहीं,
फरेब सी लगती है तेरी हर बातें।
सच्चाई का मै तलबगार हूं,
फरेब का मैं आशिक नहीं।
श्याम सांवरा…
तेरे अल्फ़ाज़ों में वो सच्चाई नहीं,
फरेब सी लगती है तेरी हर बातें।
सच्चाई का मै तलबगार हूं,
फरेब का मैं आशिक नहीं।
श्याम सांवरा…