तेरी सुंदरता पर कोई कविता लिखते हैं।
कहीं नदी के किनारे चलकर बैठते है,,,
तेरी सुंदरता पर कोई कविता लिखते है!!!
ये सादगी भरी सुंदरता तुम्हारी,,,
काग़ज़ पर शब्दों में उतारते है!!!
मधुवन में पुष्पों को तुमसे ईर्ष्या होगी,,,
उनको लगता है वो सबसे सुंदर दिखते हैं!!!
देखकर तुमको सब मुरझा जायेंगे,,,
वो सब झूठें वहम में जीते है!!!
वफा की हर कसम लिखते हैं,,,
जज़्बातों का हर समंदर लिखते है!!!
प्रेम कितना है सब लिखते है,,,
तुम्हारे संग बीते हर पल लिखते है!!!
तुम्हारी जुल्फों को काली घटा लिखते है,,,
रूप से तुमको उर्वशी, रंभा लिखते है!!!
जो विश्वामित्र का ध्यान भंग कर दे,,,
वो सुंदरता की मेनका लिखते है!!!
शब्दो को पिरोकर कर तुम पर गीत लिखते है,,,
तुम्हारी सुंदरता का हर रूप लिखते है!!!
तुम हो मृग की तृष्णा जैसी,,,
तुमको देखकर प्रेमी की अधीरता लिखते है!!!
स्वर्ग की सुंदरता लिखते है,,,
नारी रूप की हर महानता लिखते है!!!
तेरी कोमलता तेरी विकारलता लिखते है,,
तुमको ईश्वर की अतुलनीय रचना लिखते हैं!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ