तेरी याद
मेरे साथ भी ना होकर तू मेरे साथ है ,
तेरे साथ का क्यूँ हर वक्त मुझे एहसास है,
मौसम की खुशियाँ भी जैसे तेरे ही दम से है ,
बदलियाँ लगती हैं जैसे खम तेरी ज़ुल्फ़ों के हैं,
उफ़क में डूबता चाँद मुझे ऐसे लगता है ,
जैसे तेरा नूर-ए- हुस्न परदे में छिपता है,
इक सोज़ दिल में जगाए रखता हूँ,
ज़ेहन में तेरी याद बसाए रखता हूँ।