तेरी यादों की..
ये रात इस क़दर
सहमी, ठहरी सी क्युं है
लगता है
आज फ़िर तेरी यादों की
बारिश होगी
फ़िर होगी बेदर्द तन्हाई
उस में परछाई होगी तुम्हारी
हिमांशु Kulshrestha
ये रात इस क़दर
सहमी, ठहरी सी क्युं है
लगता है
आज फ़िर तेरी यादों की
बारिश होगी
फ़िर होगी बेदर्द तन्हाई
उस में परछाई होगी तुम्हारी
हिमांशु Kulshrestha