Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2023 · 1 min read

तेरी मिट्टी के लिए अपने कुएँ से पानी बहाया है

तेरी मिट्टी के लिए अपने कुएँ से पानी बहाया है
पर जरासी छाँव के लिए तूने चश्म को रुलाया है

मेंरे ख़ुशी के खज़ाने पे तेरी बेगैरत नजरें पड़ गई
आँखों के ख़्वाबो को लूटकर तूने बहुत सताया है

✍️©®’अशांत’ शेखर
14/02/2023

3 Likes · 250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लाइब्रेरी के कौने में, एक लड़का उदास बैठा हैं
लाइब्रेरी के कौने में, एक लड़का उदास बैठा हैं
The_dk_poetry
दाना
दाना
Satish Srijan
शिव रात्रि
शिव रात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
हर बार बिखर कर खुद को
हर बार बिखर कर खुद को
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Mahender Singh
' चाह मेँ ही राह '
' चाह मेँ ही राह '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
--: पत्थर  :--
--: पत्थर :--
Dhirendra Singh
-- मौत का मंजर --
-- मौत का मंजर --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
बिहार के मूर्द्धन्य द्विज लेखकों के विभाजित साहित्य सरोकार
बिहार के मूर्द्धन्य द्विज लेखकों के विभाजित साहित्य सरोकार
Dr MusafiR BaithA
दिन  तो  कभी  एक  से  नहीं  होते
दिन तो कभी एक से नहीं होते
shabina. Naaz
कजरी (वर्षा-गीत)
कजरी (वर्षा-गीत)
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-240💐
💐प्रेम कौतुक-240💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सिंदूर 🌹
सिंदूर 🌹
Ranjeet kumar patre
नहीं टूटे कभी जो मुश्किलों से
नहीं टूटे कभी जो मुश्किलों से
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से
जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
"प्यासा"मत घबराइए ,
Vijay kumar Pandey
शक्तिहीनों का कोई संगठन नहीं होता।
शक्तिहीनों का कोई संगठन नहीं होता।
Sanjay ' शून्य'
हवाएँ मस्तियाँ लाईं, ये फागुन का महीना है【 हिंदी गजल/गीतिका
हवाएँ मस्तियाँ लाईं, ये फागुन का महीना है【 हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
Satya Prakash Sharma
*** रेत समंदर के....!!! ***
*** रेत समंदर के....!!! ***
VEDANTA PATEL
बातें की बहुत की तुझसे,
बातें की बहुत की तुझसे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
कागज मेरा ,कलम मेरी और हर्फ़ तेरा हो
कागज मेरा ,कलम मेरी और हर्फ़ तेरा हो
Shweta Soni
परिवर्तन विकास बेशुमार
परिवर्तन विकास बेशुमार
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
■ फेसबुकी फ़र्ज़ीवाड़ा
■ फेसबुकी फ़र्ज़ीवाड़ा
*Author प्रणय प्रभात*
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Neelam Sharma
दोस्ती का कर्ज
दोस्ती का कर्ज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
2408.पूर्णिका🌹तुम ना बदलोगे🌹
2408.पूर्णिका🌹तुम ना बदलोगे🌹
Dr.Khedu Bharti
Loading...