तेरी आंखों में पलती चाहत
हद से ज्यादा
प्यारी हैं तेरी
आंखें दो
हद से ज्यादा
प्यार मुझे इनसे
यह बंद हों या
खुली
मुझे तो दिखें हमेशा
खुली
मोहब्बत की तंग थी गली
हर सिरे से बंद थी गली
आसमान की छत से भी न मिलती
थी यह कभी
मेरे लिए तो तेरी आंखों में पलती
चाहत थी
मेरे सपनों की खिलती कली
मेरी नरगिस की कली
मेरी जूही की कली
मेरी चंपा, चमेली और गुलाब की कली
मेरी खिलती कलियों की गली
मेरे खिलते गुलशन,
खिलते चमन की गली।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001