तू पत्थर न हो जाए!
साथी, तुझे अब
बोलना ही पड़ेगा!
दिल का हर राज
खोलना ही पड़ेगा!!
तू कहीं पड़ी-पड़ी
पत्थर ना हो जाए!
अपनी जगह से
डोलना ही पड़ेगा!!
Shekhar Chandra Mitra
#feministpoetry
#स्त्रीविमर्श
साथी, तुझे अब
बोलना ही पड़ेगा!
दिल का हर राज
खोलना ही पड़ेगा!!
तू कहीं पड़ी-पड़ी
पत्थर ना हो जाए!
अपनी जगह से
डोलना ही पड़ेगा!!
Shekhar Chandra Mitra
#feministpoetry
#स्त्रीविमर्श