– तुम मेरे लिए क्या हो –
– तुम मेरे लिए क्या हो ? –
तुम मेरे लिए ज्योत्सना सी,
तुम अदिति के समान,
मेरे जीवन का साक्ष्य तुम हो सांक्षी के हो समान,
तुम झीलों की सरोज मेरे लिए,
मेरे जीवन की अमूल्य निधि सी,
मेरी इच्छाओं का प्रतिरूप ,
हो आकांक्षा के समान,
मेरे दिल में रहती हो इस कदर हो धड़कन के समान,
मेरे मन में रहती हो सदा तुम हो कविता के समान,
मनमोहक हंसी तुम्हारी ऐसी लगे जैसे हो आकर्षण समान,
तुम मेरे उर में हो बसी सदा ,
जैसे उर्वसी समान,
इतना ही कहता है गहलोत तुम ही मेरे इस संसार में
हो प्रिये जीवन का आधार,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –