तुम ख़्याल हो
तुम ख़्याल हो
या ख़्वाब हो
मेरी सोच को
क्या जवाब हो
मेरी ख़्वाहिशें
मेरी आरज़ू
मेरी दुआओं में
बेहिसाब हो
मुझे प्यार तुमसे
क्यों बेपनाह
मेरी नेकियों का
क्या सवाब हो
मेरी ज़िन्दगी का
हो आईना
मेरी ख़्वाहिशों की
किताब हो ।
— डॉ फौज़िया नसीम शाद