तुम्हें दिल में बसाया है धड़कन की तरह,
तुम्हें दिल में बसाया है धड़कन की तरह,
तुमको देखकर संवरती हूं दर्पण की तरह।
बहुत चुभती है ये धूप मेरे तन पर,
तुम आ जाओ सावन की तरह।
नाजुक सा दिल है मेरा जो तुम्हें दिया मैंने,
संभाल कर रखना इसे कांच के बर्तन की तरह।
अकेले अब सफर जिंदगी का कटता नहीं,
तुम साथ रहो तो वीराना भी महकेगा गुलशन की तरह।
तुम्हारा मेरा साथ हो तो क्या ही बात है,
चलो समा जाए इक दूजे में खूशबू और सुमन की तरह।
कुछ ऐसा करना कि मैं हो जाऊं हमेशा के लिए तुम्हारी,
फूल लाकर सजा देना मुझे दुल्हन की तरह।
दूर न जायेंगे कभी एक दूसरे से चाहे खुशी हो या गम,
संग रहेंगे हरदम चांद और गगन की तरह।