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22 Feb 2023 · 1 min read

तुम्हें आभास तो होगा

अपने भीतर की घुटन का,
तुम्हें आभास कहां होगा ।
पीड़ा की अनुभूति का,
तुम्हें आभास कहां होगा ।।

जीवन की परिभाषा का,
तुम्हें आभास कहां होगा ।।
जीवन-मरण के सत्य का
तुम्हें आभास कहां होगा ।।
कम होती सहिष्णुता का,

तुम्हें आभास कहां होगा ।
गिरते नैतिक मूल्यों का,
तुम्हें आभास कहां होगा ।

बन रहे मानव से दानव,
तुम्हें आभास कहां होगा ।
अपनी विवेक शून्यता का,
तुम्हें आभास कहां होगा ।।

‘मन में स्थित ईर्ष्या-द्वेष का,
तुम्हें आभास कहां होगा ।।
स्वयं में तुम भी जीवित हो,
तुम्हें आभास कहां होगा ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
10 Likes · 743 Views
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