– तुम्हारे लिए में क्या था अब में तुम्हे नही मिल सकता –
– तुम्हारे लिए में क्या था अब में तुम्हे नही मिल सकता –
तुमने मुझे खो दिया अपने अहम के भाव में,
मेने तुमसे अपनापन रखा प्रेम के अनुराग में,
तुमने मुझे ठुकराया पैसों के अभिमान में ,
तुमने मुझे न अपनाया मेरी सादगी के भाव में,
तुमने मुझे खो दिया अपने झूठे अभिमान में,
तुमने यह सोच कर ठुकराया यह तो देशी अल्हड़ लड़का है,
इसका कोई नही हो सकता है,
आज देख लो मां शारदे की अनुकंपा से सकल विश्व में नाम है,
और काव्य कुल के वरिष्ठ जनो के द्वारा मिल रहा मुझे सम्मान है,
भूल जाओ अब मुझको तुम जो तुम्हारा स्वर्णिम काल था,
अब तुमने जो मुझको खोया है
तुम्हारे लिए में क्या था अब में तुम्हे नही मिल सकता हू,
✍️✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –