– तुम्हारे कितने नजदीक आकर तुमसे इतना दूर क्यों हुआ हु –
– तुम्हारे कितने नजदीक आकर तुमसे इतना दूर क्यों हुआ हु –
चाहत थी दिल में तेरे लिए,
पर तुझसे जुदा हुआ हु,
मरता था तुझ पर में,
पर अब आहे भरता रहा हु,
पाने की चाहत और तमन्ना थी तुझको बेशूमार दिल में,
पर तेरी एक खामी और मेरी एक गलती से जुदा हुआ हु,
वो गलती में अब याद नही करना चाहता हु,
तुम्हारी ही वो एक खामी थी जिसे मे पहचानता हु,
तुम्हारे कितने नजदीक आकर तुमसे इतना दूर क्यों हुआ हु,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –